भारत के लिए मध्य - पूर्वी एशिया क्यों महत्वपूर्ण है?
• मध्य - पूर्वी एशिया देश कौन-कौन से हैं?
•मध्य - पूर्वी एशिया भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
•अमेरिका - चीन की बढ़ती मध्य - पूर्वी एशिया नीति में भारत के लिए क्या अवसर है!
एशिया विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। जो विश्व भू - भाग का लगभग 30% है। जहां विश्व की 60% जनसंख्या निवास करती है। परंतु एशिया की राजनीतिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक अध्ययन करने के लिए एशिया को अलग खंडों में बांटा गया है। जैसे - उतरी एशिया, मध्य एशिया, मध्य पूर्वी एशिया (पश्चिमी एशिया भी कहते हैं) दक्षिणी एशिया और दक्षिणी पूर्वी एशिया । हालाकि इनकी कोई स्पष्ट रेखा नहीं है।
मध्य पूर्वी एशिया में लगभग 16 देश शामिल है। इसमें बहरीन,तुर्की, सऊदी अरब, इजिप्ट (मिस्र), ओमान, यमन, ईरान, इराक, सीरिया, इजराइल, लेबनान, यूएई (संयुक्त अरब अमीरात), कतर, जॉर्डन, कुवैत, फिलिस्तीन और साइप्रस देश शामिल है।
•मध्य - पूर्वी एशिया भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझेंगे की मध्य पूर्वी एशियाई देश भारत के लिए क्या महत्व है।
1. मध्य पूर्वी एशियाई क्षेत्र इस्लामिक राष्ट्रों का समूह है। यदि हम इजराइल को छोड़ दे तो। भारत में भी लगभग 17.2 करोड़ आबादी मुस्लिम है। उनकी धार्मिक आस्था इन देशों से जुड़ी हुई हैं।
2. मध्य पूर्वी एशियाई देश तेल उत्पादन के मामले में
एक धनी राष्ट्र है। विश्व का लगभग 32% तेल इन देशों द्वारा उत्पादन किया जाता है। दूसरी तरफ भारत तेल में लगभग 80% आयात पर निर्भर है। इसलिए इन देशों का महत्व बढ़ जाता है।
3.MEA के अनुसार, भारत के लगभग 7.6 मिलियन प्रवासी मध्य पूर्व एशियाई देशों में कार्य करते है।
4. इजराइल विश्व का सबसे बड़ा साइबर टेक्नोलॉजी के गढ़ बन चुका है। बदलती प्रौद्योगिकी साइबर सुरक्षा, डाटा सुरक्षा आदि। भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
5. चीन की मध्य पूर्वी एशियाई रुचि। हाल ही में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीति संबंधों में चीन की मध्यस्थता। भारत के लिए सोचने का विषय है।
6. मध्य पूर्वी एशियाई देश भारत के लिए एक नए बाजार एक अवसर के रूप में है। हाल ही में यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है। प्रधानमंत्री की मिस्त्र की यात्रा इसी कूटनीतिक महत्व को दर्शाती हैं।
7. चाहे आतंकवाद का मुद्दा हो या यूएनओ के सुरक्षा परिषद में भारत के स्थाई सदस्यता का मामला। भारत के लिए मध्य पूर्वी एशियाई देशों का महत्व बढ़ जाता है।
•अमेरिका - चीन की बढ़ती मध्य - पूर्वी एशिया नीति में भारत के लिए क्या अवसर है!
चीन जिस प्रकार से इन देशों में अपनी कूटनीतिक संबंध बना रहा है। हाल ही में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीति संबंधों में चीन की मध्यस्थता में हुई। दूसरी तरफ चीन का विश्व शक्ति के रूप में में उभरना। अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि चीन वैश्विक शक्ति के रूप में उभरे । और चीन की बढ़ता हुआ दबदबा तभी अंकुश लगा सकता है जब उसे भारत का सहयोग प्राप्त हो। भारत के बिना यह संभव नहीं है। इसलिए भारत के लिए एक अवसर है। कि अमेरिका के साथ मात्र रक्षा सामग्री का आयातक न बन कर रक्षा उपकरणों तकनीकी स्थानांतरण समझौता पर सहमति बनावे। ताकि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
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